You are here
Home > राजनीति > राजस्थान और महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकार का अमित शाह की इस चाल से बचना हो जयगा मुश्किल

राजस्थान और महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकार का अमित शाह की इस चाल से बचना हो जयगा मुश्किल

Share This:

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने से पार्टी संकट में फंस गई है.अब कांग्रेस सहित अन्य राज्यों में भी पार्टी के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे हैं. आगामी खतरे की बात करें तो राजस्थान और महाराष्ट्र का नाम सबसे ऊपर है. राजस्थान में जहां कांग्रेस की सरकार है वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ में भागीदारी सरकार में  है। राजस्थान में अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की खटपट कई बार सामने आ चुकी है. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस को कितनी मशक्कत करनी पड़ी यह भी किसी से छुपा हुआ नहीं है. राजस्थान और महाराष्ट्र में किस तरह कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाई और आज है दोनों प्रदेश की सरकार खतरे में बताए जा रहे हैं.

एमपी के बाद अब बीजेपी के निशाने पर राजस्थान की सरकार

राजस्थान की बात करें तो राजस्थान में भी मध्यप्रदेश जैसी स्थिति है। जैसे मध्यप्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिराज सिंधिया आमने-सामने थे. बिलकुल वैसी स्थिति राजस्थान में है. राजस्थान में भी अशोक गहलोत मुख्यमंत्री के सामने उपमुख्यमंत्री राजेश पायलट ऐसे ही है. वह भी कांग्रे साहिब कमान को मालूम है इन दोनों की भी कई बार खटपट सामने आ चुकी है राजस्थान में 200 सीट वाली राजस्थान विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की 72 विधायक हैं.  बहुमत साबित करने के लिए 101 विधायक की जरूरत है यानी अगर यह सरकार बनाने चाहे तो 29 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। सचिन पायलट राजस्थान में वह कदम उठाएंगे जो सिंधिया ने एमपी में उठाया है. लेकिन इस बात को भी फिलहाल नकारा नहीं जा सकता कि सचिन पायलट मौके का फायदा उठाकर  भारतीय जनता पार्टी के मिले ना मिले।

महाराष्ट्र में मध्यप्रदेश के घटनाक्रम के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र की सरकार सुरक्षित है और वह महाराष्ट्र में एमपी के वायरस को नहीं घुसने देंगे। 228 सीट वाली महाराष्ट्र विधानसभा में 2019 में हुए चुनाव में बीजेपी को 105 शिवसेना को 56 एनसीपी को 56  और कांग्रेस को 44 सीट मिली थी. भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भी विपक्ष में बैठी है बीजेपी ने वहां सरकार बनाने की पूरी कोशिश की पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री और एनसीपी के अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी. लेकिन फिर पूर्व सहयोगी रहा उसके खिलाफ चली गई शिवसेना चाहती थी कि ढाई साल उनका मुख्यमंत्री बने और बीजेपी का कोई समझौता न होने की स्थिति में शिवसेना और कांग्रेस ने सरकार बनाई।

अमित शाह ने जिस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के लिए रणनीति अपनाई  है। वही रणनीति अमित शाह राजस्थान में सचिन पायलट और महाराष्ट्र में उधव ठाकरे के साथ में यही नीति अपना सकते हैं. अगर अमित शाह की राजनीतिक चाल कामयाब हो गई तो यह निश्चित है कि राजस्थान और महाराष्ट्र से कांग्रेसका पूरी तरह सफाया हो जाएगा महाराष्ट्र की सरकार पर कई गंभीर खतरे हैं अगर किसी तरह भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने पुराने सहयोगी शिवसेना को मना पाए।  वहां कांग्रेस और एनसीपी विपक्ष में चले जाएंगे और भारतीय जनता पार्टी की दोबारा सरकार बनना तय है.

HIND NEWS TV —– Naresh Tomar —— – – – 9410767620

Leave a Reply

Top