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एसडीएम दादरी ने न्यायालय में दिये पीड़ित को दो हजार

SDM Dadri gave two thousand to the victim in court

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नरेश तोमर, मानवता अभी भी जिंदा है और इस बात का सबूत उस समय मिला जब एसडीएम दादरी ने एक पीड़ित को भरे न्यायालय में अधिवक्ता और वादकारियों के बीच ₹2000 खाने पीने के लिए दिए । हुआ यूँ कि एसडीएम दादरी के न्यायालय में एक फरियादी सुबह से ही आंखों में आंसू लिए बैठा था । जिसे भीतर अधिकारी से मिलने के लिए नहीं जाने दिया जा रहा था ।
इस बात की भनक जब अधिवक्ताओं को लगी तो उस पीड़ित की बात को राकेश कुमार आर्य व ऋषिराज नागर एडवोकेट ने एसडीएम दादरी के समक्ष उठाया । एसडीएम दादरी श्री राजीव राय उस समय न्यायालय में वादों की सुनवाई कर रहे थे । उन्होंने गरीब और पीड़ित के प्रति अपनी पूर्ण सहानुभूति व्यक्त करते हुए न्यायालय की कार्यवाही को रोककर बीच में उसकी फरियाद को सुनना आरंभ किया । जब उसने बताया कि उसकी बेटी को कुछ बदमाश आनंदपुर गांव स्थित एक भट्टे से उठाकर ले गए हैं और 4 दिन से उसने भोजन भी नहीं लिया है , इतना ही नहीं बदमाश उसे न्यायालय या पुलिस में जाकर रिपोर्ट करने या अपनी बात सुनाने तक से रोकने की धमकी दे रहे हैं , तो इस पर एसडीएम दादरी श्री राय ने तुरंत थानाध्यक्ष जारचा के लिए प्रकरण की गंभीरता से जांच करने और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया । इतना ही नहीं उन्होंने संबंधित गांव के लेखपाल और कानूनगो को भी निर्देशित किया कि वह जाकर मौके पर आनंदपुर गांव के भट्टे की निशानदेही कर सभी भट्टा मजदूरों का सत्यापन करें कि वहां पर कितने लोग कार्यरत हैं और साथ ही भट्टा मालिकों के विरुद्ध भी कड़ी कार्यवाही करें ।
इसके पश्चात एसडीएम श्री राय ने पीड़ित पक्ष से जब यह जाना कि उसने पिछले 4 दिन से भोजन नहीं किया है तो उन्होंने अपनी दरियादिली और मानवता का परिचय देते हुए तुरंत उसे ₹2000 भरे न्यायालय में ही प्रदान किए ।इसके पश्चात खुशी के आंसू पोंछते हुए वह गरीब पीछे की ओर हट गया। इस अवसर पर बार एसोसिएशन अध्यक्ष श्री बृजपाल भाटी , वरिष्ठ अधिवक्ता श्री ऋषिपाल भाटी , बीपी शर्मा , राकेश नागर , चाणक्य भाटी , एहसान अली , रामकुमार खटाना सहित दर्जनों अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित थे।
एस डी एम दादरी के इस कार्य की सराहना इसलिए भी हुई है कि पीड़ित व्यक्ति मुसलमान था । इसके उपरांत बिना किसी सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के मानवता के आधार पर उसे पूर्ण वैधानिक व संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया गया ,जिसकी सभी अधिवक्ताओं और उपस्थित वादकारियों ने खुले दिल से सराहना की ।

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