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दसॉ एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने राहुल गांधी के सभी आरोपों को खारिज किया

दसॉ एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने राहुल गांधी के सभी आरोपों को खारिज किया

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राफेल डील को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच इस फाइटर जेट को बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रैपियर ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को खारिज किया है। डसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर का कहना है कि हमने खुद अनिल अंबानी का चयन किया था। रिलायंस के अलावा हमारे सामने 30 लोगों ने प्रस्ताव दिया था। इंडियन एयरफोर्स डील को इसलिए आगे बढ़ा रही थी क्योंकि उसे यकीन था कि राफेल फाइटर जेट उनकी सभी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि दसॉ-रिलायंस जॉइंट वेंचर (जेवी) के ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट को लेकर पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का बयान सही नहीं था।

बता दें कि राहुल गांधी ने 2 नवंबर को दसॉ सीईओ पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि दसॉ ने अनिल अंबानी की कंपनी को 284 करोड़ रुपये दिए और अंबानी ने उसी पैसे से जमीन खरीदी। दसॉ के सीईओ पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए राहुल ने तंज कसा था कि दसॉ केवल मोदी को बचा रही है और जांच होगी, तो पीएम नहीं टिक पाएंगे।

एरिक ट्रैपियर का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के साथ हमारे संबंध बहुत पुराने हैं। 1953 में भारत के पहले पीएम नेहरू के कार्यकाल में हमारी पहली डील साइन हुई। उसके बाद ये सिलसिला दूसरे प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में जारी रहा। हम किसी पार्टी के लिए काम नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ भारतीय वायुसेना और भारत की सरकार को सामरिक उत्पाद मुहैया करा रहे हैं और ये सबसे महत्वपूर्ण है। ट्रैपियर ने राफेल की कीमत को लेकर भी मोदी सरकार के दावे की पुष्टि करते हुए कहा कि यह एयरक्राफ्ट 9 प्रतिशत सस्ता है। उन्होंने कहा, ‘जब आप 18 फ्लाइवे की कीमत से तुलना करते हैं तो 36 का दाम भी वही है। 36, 18 का दोगुना है। इसलिए यह रकम भी दोगुनी होनी चाहिए थी। क्योंकि यह गवर्नमेंट टु गवर्नमेंट डील है, इसलिए कीमत पर मोल-भाव हुआ। मुझे इसकी कीमत 9 प्रतिशत कम करनी पड़ी।’

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