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कश्मीरी छात्रों के AMU छोड़ने की बात पर अभी भी कायम, 17 तारिख को पूरा देश देखेगा

कश्मीरी छात्रों के AMU छोड़ने की बात पर अभी भी कायम, 17 तारिख को पूरा देश देखेगा

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अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आतंकी मन्नान वाणी की मौत के बाद हुए घटनाक्रम के बाद मामला ठंडा नहीं पड़ता दिख रहा है। AMUSU  के पूर्व उपाध्यक्ष व् कश्मीरी छात्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे सज्जाद सुभान राथर अभी भी अपनी बात पर कायम है। उधर AMU में छात्र दो धड़ो में बंटते नजर आ रहे हैं।  एक वो जो सज्जाद के साथ है कश्मीरी छात्र और दुसरे नॉन  कश्मीरी छात्र। अब आज शाम को आने वाली AMU प्रशासन द्वारा बनाई गई जांच कमेटी की रिपोर्ट का इन्तजार है।  उसके बाद ही छात्रों का भविष्य तय होगा। उधर करीब सौ की संख्या में कश्मीरी छात्रों ने लाइब्रेरी से VC ऑफिस तक मार्च निकाला।  उनको VC कार्यालय के गेट पर रोक लिया और कश्मीरी छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल को AMU प्रशासन से बात करने जाने दिया गया है।

सज्जाद ने कहा की कुछ छात्रों पर जो देशद्रोह का आरोप लगाया है उसको लेकर कई छात्र उनके पास आये थे की उनके अंदर असुरक्षा की भावना बन रही है। उन्होंने कहा की ऐसी स्थति में अपनी डिग्रीयां सरेंडर कर सत्रह तारीख को वापस अपने घर कश्मीर चले जाएंगे। साथ ही हम यहाँ कल होने वाली एलुमिनाई मीट में आने वाले ओल्ड स्टूडेंट से बात करेंगे कि वो हमारी समस्या का हल निकाले नहीं तो हम AMU छोड़ देंगे। सज्जाद ने कहा की मेने मध्यस्थता करने की कोशिश की लेकिन कोई सार्थक हल निकलता नहीं दिख रहा। अब आप सत्रह तारीख को देखेंगे जब कश्मीरी छात्र AMU को छोड़ेंगे।  यहाँ कुछ लोग हमको इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। सज्जाद ने कहा की जो आजादी का वीडियो वायरल हो रहा है वो वीडियो को फोटोशॉप के जरिये बनाया गया है।  वहां ऐसी कोई बात नहीं हुई थी। सारे छात्र मेरे साथ हैं और पूरा देश देखेगा जब हम AMU छोड़ेंगे। कुछ छात्र ऐसे भी हैं जिन्होंने दो तीन साल पहले यूनिवर्सिटी छोड़ दी। उनके नामको भी शामिल किया गया है। अब छात्रों के घर वाले वहां कश्मीर में परेशान हैं। कश्मीरी छात्रों की तरफ से एक पत्र ओल्ड स्टूडेंट ,AMU प्रशासन के लिए तैयार  किया गया है।

AMU में छात्रों के अब दो धड़े सामने आ रहे हैं।  एक धड़ा वो जिसका प्रतिनिधित्व सज्जाद सुभान राथर कर रहे हैं यानि कश्मीरी छात्रों का ग्रुप और दूसरा धड़ा वो जो नॉन कश्मीरी छात्र हैं।  AMUSU के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने दावा किया कि सज्जाद सुभान राथर के साथ चार से पांच लोग हैं।  सारे कश्मीरी छात्र उनके साथ नहीं है। सारे कश्मीरी छात्र जाने को तैयार नहीं है।  कई वरिष्ठ कश्मीरी छात्र मेरे पास आये और उन्होंने कहा कि हम यूनिवर्सिटी को छोड़ कर नहीं जाएंगे। हम अपना कॅरियर क्यों बर्बाद करें। सज्जाद सुभान राथर झूठ बोल रहे हैं।  अगर फिर भी धमकी देकर अन्य लड़कों पर दवाब बनाया गया तो हम सभी AMU के अन्य छात्र एक तरफ हो जाएंगे और उन गिने चुने कश्मीरी छात्रों को रेलवे स्टेशन छोड़ कर आएंगे।

के प्रॉक्टर मोहसिन खान ने कश्मीरी छात्रों के यूनिवर्सिटी छोड़ने पर कहा कि हम उनको समझा रहे हैं वो नहीं जाएंगे। बारहसौ छात्र हैं भी नहीं कुल 950 छात्र हैं।  वो पढ़ने लिखने वाले छात्र हैं। हम उनको भरोसा दिलाते हैं की उनके साथ गलत नहीं होगा। उनको केवल कारण बताओं नोटिस  दिया है ,वो उसका जवाब दें।  कुछ पुराने लड़कों के नाम जो लड़के यहाँ नहीं हैं उनके नाम डिलीट हो जाएंगे।

Ajay Kumar
Distt-aligarh Hind news tv

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