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दवाई से प्रतिबंध हटाने के मामले में अमेरिका की धमकी पर भारत का जबाब पहले अपने लोगो को देखेंगे

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विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान को अधिक तवज्जो न देते हुए अमेरिका को कहा कि इस मुद्दे पर बेवजह विवाद न खड़ा करें।  अमेरिका ने भारत को अपने बयान में कहा कि अगर भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरो क्वीन पर से प्रतिबंध नहीं हटा तो अमेरिका जवाबी कार्रवाई कर सकता है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इसके बाद उठे विवाद पर कहा कि यह किसी भी सरकार का दायित्व होता है कि वह पहले सुनिश्चित करें कि उनके अपने लोगों के पास दवा या इलाज है. हर जरूरी संसाधन उपलब्ध हो इसी के मद्देनजर शुरू से कुछ ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। और कुछ दवाओं के निर्यात को प्रतिबंधित किया गया है. भारत ने ट्रंप के प्लान को अधिक तवज्जो नहीं दी और माना कि अमेरिका इस दवाई को लेकर बेवजह विवाद खड़ा कर रहा है. पेरासिटामोल और हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन पर बेवजह विवाद खड़ा कर रही है.

बाद में स्थिति की समीक्षा की जाएगी और इस बात की तसल्ली के लिए की जाएगी कि देश के अंदर की जरूरत को पूरा करने के लिए यह दवा पर्याप्त है तब जाकर दवाई पर प्रतिबंध को हटा लिया जाएगा। सोमवार को 14 दवाओं पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया गया. यहां तक पेरासिटामोल और हाइड्रोक्लोरिक की बात है मैं लाइसेंस कैटेगरी में रहेगी और उनकी मांग पर लगातार नजर रखी जाएगी.लेकिन अगर मांग के अनुरूप आपूर्ति आपूर्ति रही तो फिर कुछ हद तक निर्यात की अनुमति दी जाएगी।

विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोरोनावायरस महामारी के समय भारत ने हमेशा कहा है कि ऐसी कठिन हालात में पूरे विश्व को एक साथ होकर लड़ना होगा। लेकिन इसके बाद अमेरिका ने जिस तरह भारत को दवाइयों के मामले में चेतावनी दी उसको लेकर भारत ने सिरे से खारिज कर दिया। और साफ तौर से कहा कि पहले भारत की जुर्रत को देखा जाएगा उसके बाद अन्य देशों को यह दवाई निर्यात की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे कठिन परिस्थिति में किसी भी तरह की अनर्गल बातों का विवाद नहीं किया जाना चाहिए।

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