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मुस्लिम के खिलाफ एक साजिश है, मुस्लिम धर्मगुरु ने यह बात निजामुद्दीन तब्लीगी जमात को लेकर कहा

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Naresh Tomar ——-; निजामुद्दीन के तबलीगी जमात द्वारा 13 से 15 मार्च के बीच मरकत मैं एक मुस्लिम धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें देश विदेश के लोग आए हुए थे पुलिस का कहना है कि यहां  हजारो मुल्ला मौलवियों लोगों का जमावड़ा था,जिसमे सैकड़ो की संख्या में विदेशी मोलवी  भी शामिल थे।  लेकिन इस आयोजन में शामिल हुए असम के एक व्यक्ति ने बताया कि यहां 10000 से ज्यादा लोग इकट्ठे थे जिनमें से सैकड़ों विदेशी लोग थे। अब मरकत के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने लगा है। इसको लेकर मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन की घटना के बहाने मुस्लिम समुदाय के प्रति नफरत फैला जा रहा है. एक न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा कि निजामुद्दीन वाले केस के लिए सोशल मीडिया पर बहुत नफरत फैलाई जा रही है उन्होंने कहा कि मरकज ने प्रशासन से कई बार बात की ठगी .  इधर मरकत से जुड़े मोहम्मद आरिफ का कहना है कि 16 मार्च से यहां आए लोगों को लौटाया जाने लगा था लेकिन 22 मार्च को जनता का तो के दौरान जो लोग मरकज पोते पहुंचे थे वह फस गए। 

मौलवी ने कहा कि उनके यहां हर हफ्ते कोई ना कोई प्रोग्राम होता है.  हर राज्य के लोग आते हैं इसमें  विदेश से भी लोग आते हैं और 2000 से ढाई हजार लोगों का यहां जमावड़ा होती है। लोग आते-जाते रहते हैं उन्हीं में से जमात भी आती जाती है. जो पूर्व पर जमाते हैं वह 40 दिन पूरा करके 4 महीने बाद ही आती है. गौरतलब है कि 13 से 15 मार्च के बीच मरकज के धार्मिक कार्यक्रम जमात का आयोजन किया गया था. जिसमें देश-विदेश से लोग आए थे. पुलिस का कहना है कि यहां करीब ढाई हजार का जमावड़ा था. जिनमें सैकड़ों मौलवी विदेशी थे। 

तमिलनाडु आसाम उत्तर प्रदेश कश्मीर राजस्थान में अन्य राज्यों राज्यों के मरकस यहां इकट्ठा हुए थे. तमिलनाडु में कई लोगों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है. करोना के कारण जो लोग यहां तबलीगी जमात के परिसर में रुके थे. वहीं राजस्थान में भी कोरोना वायरस के मामले सामने आया है।  फिलहाल पुलिस द्वारा पूरे इलाके को शील कर दिया है। कोरोना वायरस को रोकने के लिए लोगों का टेस्ट किया जा रहा है.  भारत देश की हालत देखिए की भारत के प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री देश का प्रशासन राज्य का प्रशासन देश के लोगो को कोरोना के कारण जैसी महामारी को रोकने के लिए एकमुश्त लगा हुआ है

यह तबलीगी जमात को मानने वाले मुसलमान किसी की बात को मानने को तैयार नहीं है. यह बात एक निजामुद्दीन की तबलीगी जमात सेंटर से ऑडियो क्लिप के जरिए सामने आई है जिसमें मौलाना को यह कहते हुए सुना जा सकता है.  आज हमारे पास अपने धर्म का प्रचार करने का सबसे अच्छा माहौल है. हमको करोना जैसे वायरस से नहीं डरना चाहिए और बाहर निकल कर अपने   मुस्लिम धर्म का प्रचार करना चाहिए। इस मामले में दहरूउलाम पर भी सवाल खड़े होते हैं. दारुल उलूम द्वारा हर छोटी चीज पर फतवा जारी कर देना मामूली बात है। लेकिन करोना जैसी महामारी को लेकर तबलीगी समाज के लिए कोई फतवा जारी न करना दहरूउलाम पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है. अभी प्रशासन दहरूउलाम में जांच कर रहा है.  वहां कितने लोगों को रोना है और कितने विदेशी मौलवी वहां छुपे बैठे हैं.उत्तरप्रदेश पुलिस से राज्य के कई जिलों में धारा 144 लगा दी है 

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