RIPOT– आशीष कुमार सिंह –आज अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष रंजीत बच्चन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना उस समय घटी जब रंजीत बच्चन हजरतगंज इलाके में सुबह की सैर के लिए निकले थे. लखनऊ का हजरतगंज इलाका राजधानी का पोर्श इलाका माना जाता है जहां कई मंत्री और गणमान्य व्यक्ति रहते हैं. विधानसभा भी हजरतगंज इलाके के अंदर ही आती है.
अखिल भारतीय महासभा अध्यक्ष पर गोली चलाई। यह घटना आज सुबह 6:30 बजे की है.वह अपने घर से अपने दोस्त के साथ सुबह के सैर के लिए निकले थे
अखिल भारतीय महासभा के अध्यक्ष रंजीत बच्चन को गोली मारने वाले बदमाश बाइक से आए थे. उन्हें सुबह की सैर के दौरान ही मौत के घाट उतार दिया। बदमाशों के पास में वारदात के समय 9 एमएम पिस्टल का प्रयोग किया जिससे उन्होंने अखिल भारतीय महासभा के अध्यक्ष पर गोली चलाई। यह घटना आज सुबह 6:30 बजे की है.वह अपने घर से अपने दोस्त के साथ सुबह के सैर के लिए निकले थे। रंजीत बच्चन का एक दोस्त भी गोली लगने से घायल हुआ है. जिसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है. बदमाश गोली मारकर फरार हो गए.बच्चन समाजवादी पार्टी के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करते थे. घटना के बाद पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं हत्यारों के गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है। पार्क में जहां यह वारदात हुई वहां से सकस्य जुटाए जा रहे हे। पुलिस की कोशिश है कि हत्यारे किसी भी सूरत से शहर की सीमा से बाहर न जा पाए. सभी पुलिस थाने और चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है.
समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार से इस्तीफे की मांग
समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार से इस्तीफे की मांग की है समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर लिखा है लखनऊ में दिनदहाड़े हिंदू महासभा के अध्यक्ष की हत्या से आम जनमानस में दहशत है. योग सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
इससे पहले भी लखनऊ में कमलेश तिवारी की भी हत्या हुई थी जिसमे 2 हत्यारे शामिल थे। उन्होंने पहले कमरे में जाकर चाय पी थी और वह अपने हाथ में मिठाई के डिब्बे में बंदूक और चाकू लेकर पहुंचे थे। एक ने गला रेता दसरे ने गोली मार दी. कमलेश पर चाकू और बंदूक दोनों से वार किया गया था पुलिस को मौके से एक पिस्टल भी मिली थी.
लखनऊ और नोएडा में अपराध पर काबू पाने के लिए पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया गया, नहीं रुके अपराध
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा में अपराध पर काबू पाने के लिए पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया गया था. लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के बाद में यह देखने को मिला है की लखनऊ और नोएडा में वारदातों का स्तर बढ़ा है. इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होने लगे।