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बजट का अनसुने पहलू ,पिता की मौत के बावजूद बजट प्रिंटिंग में जुटा रहा अफसर

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नई दिल्ली — Naresh Tomar — कभी-कभी कोई सरकारी अधिकारी या कोई सामान्य सा दिखने वाला आदमी कर्तव्य परायणता और निष्ठा की ऐसी मिसाल कायम कर देता है, जिससे वो समाज के लिए अनुकरणीय बन जाता है। ऐसा ही एक मिसाल कायम किया है बजट छपाई से जुड़े डिप्टी मैनेजर कुलदीप कुमार शर्मा ने। बता दें कि आज बजट पेश होना है, मगर इसकी छपाई की कई दिनों पहले से हो रही है।

कुलदीप शर्मा 26 जनवरी को बजट ड्यूटी पर थे। उसी दिन कुलदीप शर्मा के पिता की मौत हो गई, लेकिन उन्होंने तय किया कि वह अपने पिता की मौत पर घर जाने के बजाए बजट की छपाई के काम में ही लगे रहेंगे। उन्होंने अपने निजी नुकसान को पीछे छोड़ते हुए अपनी ड्यूटी को तरजीह दी।

वित्त मंत्रालय ने दी सूचना

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में लिखा, ‘कुलदीप शर्मा के पिता का 26 जनवरी 2020 को अचानक निधन हो गया। कुलदीप बजट ड्यूटी पर थे, ऐसे में उन्हें जब पिता के देहांत की खबर मिली तो उन्होंने अपने कर्तव्य को आगे रखा और प्रेस एरिया नहीं छोड़ने का फैसला किया।’

पिता की मौत से अधिक ड्यूटी को तरजीह

कुलदीप शर्मा इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि उनकी ड्यूटी कितनी अहम है और अगर वह अपनी ड्यूटी से हटते हैं तो पूरे देश पर इसका असर पड़ सकता है। यही वजह है कि कुलदीप शर्मा ने अपनी ड्यूटी की गोपनीयता को समझते हुए ये फैसला किया कि वह अपने पिता की मौत पर घर नहीं जाएंगे और बजट की गोपनीय प्रक्रिया पर कोई आंच नहीं आने देंगे। इस बात की जानकारी खुद वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करके दी है। कुलदीप शर्मा के इस जज्बे की खूब तारीफ हो रही है।

बजट की छपाई गोपनीय प्रक्रिया

बता दें कि बजट की छपाई बेहद गोपनीय प्रक्रिया है। इसमें लगे लोगों को घर तक जाने की इजाजत नहीं होती है। सारे लोग एक तरह से दुनिया से कट जाते हैं और सिर्फ बजट की छपाई का काम करते हैं। यह सब सिर्फ इसलिए किया जाता है ताकि बजट में क्या होने वाला है, ये लीक ना हो। करीब 10 दिनों तक बजट की छपाई के काम के दौरान इसमें लगे किसी भी व्यक्ति को बाहर जाने की इजाजत नहीं होती है।

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