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यमदग्नि ऋषि की तपोस्थली पर एक ही जंगह होती है आरती एवं अजान

यमदग्नि ऋषि की तपोस्थली पर एक ही जंगह होती है आरती एवं अजान

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जौनपुर | हिंदुस्तान में वर्तमान समय में पूरी सियासत अयोध्या मुद्दे पर और मंदिर मस्जिद के नाम चल रही है तो दूसरी तरफ शिराजे ए हिंद की जमीं जौनपुर व यमदग्नि ऋषि की तपोस्थली पर लोगों की सुबह एक ही जगह आरती एवं अजान से होती है | ये करीब 200 से सालों से होता आ रहा है जो गंगा यमुना तहज़ीब की संस्कृति पेश करता है|

शहर के शाही पुल स्थित हनुमान घाट पर चार सौ साल पहले बनी शर्की शासकों ने मस्जिद का निर्माण कराया था | मस्जिद के बगल में सटे महादेव का मंदिर है जिससे ढाई सौ साल बताया जा रहा है | मंदिर में बाद में हनुमान जी एवं गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना किया गया| गोमती के तट पर मंदिर होने के कारण लोगों के लिए पूजन के लिए एक घाट बनाया गया जिसका नाम हनुमान घाट रखा गया| जिसके बाद मुहल्ले का नाम हनुमान पुरा पड़ गया |

लाल मस्जिद के हाजी ने बताया की हे मस्जिद 400 सालों से पुराना है शाही करी में मस्जिद है इसका निर्माण शर्की शासकों ने कराया था | हाजी साहब ने बताया कि बगल में प्राचीन हनुमान और शिव की मंदिर भी है और हमारी लाल मस्जिद भी पर हम लोगों में कभी भी किसी बात का वाद विवाद नहीं हुआ हम लोग अपने त्यौहार अपने अपने तरीके से मनाते हैं| जौनपुर शिराज ए हिंद की जो जमी है हिंदुस्तान में अमन चैन का एक मिशाल पेश करता है |हाजी साहब ने बताया कि पूरे प्रदेश का माहौल आप इसमें देख सकते हैं पर जौनपुर की गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पूरे देश में दी जाती है हम लोगों के यहां अभी दशहरे का पर्व और बारावफात का पर्व मनाया गया हम सभी धर्म के लोग एक साथ मिलकर बनाते हैं हमारे यहां से कोई भी आप ही कोई भी बात कभी नहीं हुआ है|

प्राचीन शिव मंदिर के महंत गणेश प्रसाद पांडे ने बताया की हमारी पांचवी पीढ़ी इस मंदिर में चल रही है 4 पीढ़ी के लोग इस मंदिर में पूजा पाठ करा चुके हैं | पहले यह मंदिर महादेव जी मंदिर के नाम से जाना जाता था ये मंदिर बादशाह और नवाब लोगों के समय सन 1881 बना है |तब इस मोहल्ले का नाम केदार जी था अब इसको केदार कोट कहा जाता है | महंत पांडेय ने आगे बताया की यहां पर तीन ऐतिहासिक मस्जिद हैं जो एक शाही किला के अंदर है दूसरा महादेव मंदिर के बगल में है तीसरा जमुना प्रसाद चतुर्वेदी मार्ग पर है | जब मंदिर के बगल में घाट का निर्माण किया गया तो मंदिर का विस्तार हुआ जिसमें महादेव जी मंदिर में पार्वती जी गणेश जी के साथ हनुमान जी का मूर्ति लगाई गई | मंदिर और मस्जिद से सटे हनुमान घाट पर लोग देव दीपावली, अमावस्या, गुरु पूर्णिमा, मकर संक्रांति एवं अन्य त्यौहार मनाते हैं | मंदिर के बगल में जस्ट लाल मस्जिद भी है जो ऐतिहासिक और बादशाही व नवाबी युग से बनी हुई है | आज भी यहां चला आ रहा है लाल मस्जिद में भी लोग अपना पर्व मनाते हैं अपने तरीके से अभी बारावफात मनाया गया है| महंत ने आगे बताया कि मंदिर में आरती पुजा होती है तो मस्जिद में अज़ान होता है तो हम लोगों को कभी कोई दिक्कत तो नहीं आई है ना कभी भविष्य में आएगी | जो भाई चारा का संदेश नजर आता है|

अभिषेक पांडेय जौनपुर
हिंद न्यूज़ टीवी

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