You are here
Home > breaking news > कौन से बड़े केस खुद देख रहे थे CBI के डायरेक्टर आलोक वर्मा?

कौन से बड़े केस खुद देख रहे थे CBI के डायरेक्टर आलोक वर्मा?

कौन से बड़े केस खुद देख रहे थे CBI के डायरेक्टर आलोक वर्मा?

Share This:

CBI में हुई लड़ाई में नंबर एक और नंबर दो, दोनों को ही छुट्टी पर भेज दिया गया. सीवीसी के निर्देश पर फिलहाल CBI में नंबर एक की कुर्सी पर लाए गए एम नागेश्वर राव. लेकिन जब नंबर एक आलोक वर्मा को हटाकर नागेश्वर राव को चीफ बनाया गया तो उस वक्त आलोक वर्मा की टेबल पर सात ऐसी फाइलें थीं, जो बेहद संवेदनशील मामलों से जुड़ी थीं. आलोक वर्मा इन सभी फाइलों की जांच कर रहे थे, जिनमें सबसे बड़ी और अहम फाइल रफाएल मुद्दे से जुड़ी थी.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक आलोक वर्मा की टेबल पर कुल सात फाइलें थीं.

1. रफाएल की फाइल
आलोक वर्मा के पास रफाएल फाइटर प्लेन को खरीदने में हुई अनियमितता को लेकर 132 पन्नों की एक शिकायत भेजी गई थी. ये शिकायत 4 अक्टूबर को पहुंची थी, जिसे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दाखिल किया था. इस शिकायत की जांच हो रही थी. CBI के सूत्रों के मुताबिक जांच पूरी हो गई थी और इसपर फैसला लिया जा चुका था. आलोक वर्मा कोई ऐक्शन लेते, उससे पहले ही उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया और एम नागेश्वर राव को CBI का अंतरिम डायरेक्टर बना दिया गया.

2. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया घूस कांड

CBI चीफ आलोक वर्मा घूस लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में हुई नियुक्तियों की जांच कर रहे थे. इस जांच में सीधे तौर पर हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस इशरत मसरूर कद्दूसी फंस रहे थे. ईडी पहले ही जस्टिस कद्दूसी पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर चुकी थी. सूत्रों के मुताबिक रिटायर्ड जस्टिस आई एम कद्दूसी के खिलाफ चार्जशीट तैयार हो गई थी और इसपर CBI चीफ आलोक वर्मा के सिग्नेचर होने बाकी थे.

3. मेडिकल दाखिले में हुआ भ्रष्टाचार

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. आरोप थे कि जस्टिस शुक्ला ने मेडिकल में दाखिले के लिए घूस लिए थे, जिसके बाद उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया था. CBI ने इस केस की जांच करने की तैयारी कर ली थी और कागजात पर आलोक वर्मा के साइन होने बाकी थे. आलोक वर्मा साइन कर पाते, उससे पहले ही उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया.

4. वित्त सचिव हंसमुख अधिया के खिलाफ मामला

आलोक वर्मा के पास केंद्रीय वित्त सचिव हंसमुख अधिया के खिलाफ भी जांच का एक मामला था. बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने हंसमुख अधिया के खिलाफ CBI में शिकायत की थी.

5. कोयला खदान आवंटन में घोटाले की जांच

कोयला खदानों को बांटने में हुए भ्रष्टाचार की भी एक फाइल थी. ये फाइल आईएएस अधिकारी भास्कर कुलभे से जुड़ी थी, जो प्रधानमंत्री के सचिव रह चुके हैं. CBI इस मामले की जांच कर रही थी.

6. सरकारी भर्तियों के लिए घूस का मामला

अक्टूबर के पहले सप्ताह में दिल्ली में CBI ने एक आदमी के ठिकाने पर छापेमारी की थी. वहां से 3 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी और साथ में पैसे के लेन-देन के कागजात मिले थे. CBI ने कहा था कि इस आदमी ने पब्लिक सेक्टर की कंपनियों में नियुक्ति के लिए पैसे दिए थे और ये पैसे नेताओं को पहुंचाए गए थे.

7. राकेश अस्थाना से जुड़े कांड की फाइल

सीबीआई में नंबर दो रहे राकेश अस्थाना पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और इसकी जांच आलोक वर्मा कर रहे थे. ये मामले संदेसरा और स्टर्लिंग बायोटेक से जुड़े थे, जिसकी जांच करीब-करीब पूरी हो चुकी थी. स्टर्लिंग कंपनी के मालिक संदेसरा बंधु गुजरात के रहने वाले हैं. इन पर 5300 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है और ये पैसे लेकर फरार हो गए. CBI और प्रवर्तन निदेशालय संदेसरा के खिलाफ जांच कर रहा है और कहा जा रहा है कि संदेसरा परिवार ने खुद को बचाने के लिए राकेश अस्थाना को 8 करोड़ रुपये की घूस दी थी. इस मामले में आलोक वर्मा कोई फैसला ले पाते, उससे पहले ही उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया.

Leave a Reply

Top