अमित कुमार देहरादून (उत्तराखण्ड) BS टाॅवर ,GMS रोड देहरादून पर राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारियों की आवश्यक बैठक अयोजित की गई , जिसमें उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय लोकदल के संगठन विस्तार को लेकर चर्चा परिचर्चा की गई है ! इस बैठक से पूर्व RLD के गढ़वाल मण्डल एवं प्रदेश पदाधिकारियों ने ऋषिकेश
Tag: uttrakhand
*हिमाचल चुनाव परिणाम ओल्ड पेंशन बहाली विरोधी सरकारों के लिए एक सबक: डॉ० डी० सी० पसबोला
-डॉ० डी० सी० पसबोला* अवधेश (देहरादून):----‐-राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा (NOPRUF) उत्तराखण्ड के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला ने कहा कि हिमांचल प्रदेश में कांग्रेस द्वारा अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली को प्रमुख स्थान दिया इसलिए हिमांचल में एनपीएस कार्मिकों और उनके परिवारों ने पूर्ण बहुमत
प्रदेश में जाट महासभा का इतिहास, पदाधिकारी क्यों नहीं देते जवाब
जाट महासभा का इतिहास
जाट महासभा की स्थापना 1970 के आसपास हुई थी, आर्मी के एक कर्नल साहब द्वारा बनाई गई थी। इसमें अध्यक्ष भी कर्नल साहब ही थे, उसके बाद सुखबीर सिंह वर्मा जो सुभाष नगर में अभी भी जीवित है, बीच में या सुखबीर सिंह वर्मा से पहले भी कोई कुछ कम समय के लिए अन्य अध्यक्ष रहा। इसके बाद अवधेश चौधरी जाट महासभा के अध्यक्ष रहे, कहा यह जाता है अवधेश चौधरी जिस समय अध्यक्ष थे। उस समय जाट महासभा में ज्यादा कार्य नहीं हुआ।
जाट समाज के लोगों ने अवधेश चौधरी से लड़ झगड़ कर अध्यक्ष पद वापिस लिया। उसके पीछे कारण यह बताया जाता है कि अवधेश चौधरी जाट महासभा संस्था को ट्रस्ट बनाने का सपना देख रहे थे। उन्होंने जाट समाज के लोगों से कहा कि आप एक तरफ रहिए, हम ट्रस्ट के द्वारा एक जाट भवन का निर्माण करेंगे। जिसकी देखरेख ट्रस्ट के लोग ही करेंगे।
समाज के लोग उस समय बहुत गुस्से में आए और उनसे अध्यक्ष पद जबरदस्ती ले लिया।उस समय जाट समाज के के फंड में ₹2 लाख की एफडी थी।