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उत्तराखंड की विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खुली, खुशी की लहर

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चमोली: विश्व धरोहर में शामिल फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। रविवार सुबह सात बजे सैलानियों का पहला समूह घाटी के अंतिम पड़ाव घांघरिया से रवाना हुआ। पहले दिन कुल 83 पर्यटकों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से पंजीकरण कर घाटी में प्रवेश किया।

जून महीने के लिए अब तक 62 पर्यटकों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा लिया है। हर साल हजारों की संख्या में देश-विदेश से पर्यटक इस घाटी की ओर आकर्षित होते हैं, जो अपनी रंग-बिरंगी पुष्प विविधता के लिए जानी जाती है।

फूलों की घाटी को हर वर्ष एक जून से 31 अक्तूबर तक पर्यटकों के लिए खोला जाता है। सर्दियों में बर्फबारी के चलते इसे बंद कर दिया जाता है। इस बार भी तय कार्यक्रम के अनुसार घाटी को एक जून से आम लोगों के लिए खोल दिया गया।

बर्फ के पिघलते ही घाटी में फूलों का खिलना शुरू हो जाता है, जिसे देखने बड़ी संख्या में प्रकृति प्रेमी आते हैं। जुलाई से अगस्त तक का समय घाटी का पीक सीजन माना जाता है, जब यहां लगभग 350 से अधिक प्रजातियों के फूल खिलते हैं। पूरे सीजन में यह संख्या 500 से भी अधिक हो जाती है।

घाटी की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि पर्यटकों की सुविधा के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। बर्फबारी से क्षतिग्रस्त रास्तों की मरम्मत कर दी गई है और बहाव वाले स्थानों पर अस्थायी पुल बनाए गए हैं।

इस बार पर्यटकों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, ताकि पर्यटकों को पहले से योजना बनाने में सुविधा हो और भीड़ का बेहतर प्रबंधन हो सके।

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