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संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की पोल खोलेगा भारत, ऑपरेशन सिंदूर बनेगा कूटनीतिक हथियार

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संयुक्त राष्ट्र:-  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के इस पैनल की बात करें तो इसे ‘1267 कमेटी’ भी कहा जाता है। यह पैनल पहले भी कई आतंकी संगठनों को बैन कर चुका है। इस लिस्ट में लश्कर-ए-तैयबा और अल कायदा समेत कई आतंकी संगठनों का नाम शामिल है। साथ ही यह पैनल अंतरराष्ट्रीय आतंकियों की सूची भी तैयार करता है।

2005 में लश्कर-ए-तैयबा पर लगाए सैंक्शन

भारतीय डेलिगेशन ने सोमवार को पैनल के सामने TRF से जुड़े कुछ डॉक्यूमेंट्री एविडेंस रखे हैं, जिससे साबित होता है कि TRF लश्कर-ए-तैयबा का ही हिस्सा है। 1267 कमेटी ने 2005 में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) को आतंकी संगठन घोषित करते हुए पसबा-ए-कश्मीर और जमात-उद-दावा समेत तीन संगठनों पर सैंक्शन लगाए थे।

लश्कर-ए-तैयबा ने 27 बार बदला नाम

यूएन के सैंक्शन से बचने के लिए लश्कर-ए-तैयबा कई बार अपना नाम बदल चुकी है। यूएन की लिस्ट में लश्कर-ए-तैयबा के 27 नाम शामिल हैं, जिनपर प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं, लश्कर-ए-तैयबा के एक दर्जन से भी ज्यादा सदस्यों को आतंकी घोषित किया जा चुका है। इस फेहरिस्त में लश्कर-ए-तैयबा के लीडर हाफिज मोहम्मद सईद भी मौजूद है।

TRF के खिलाफ पेश किए सबूत

सूत्रों की मानें तो भारत पहले ही संयुक्त राष्ट्र में TRF को लश्कर-ए-तैयबा का हिस्सा बता चुका है। वहीं, सोमवार को भारतीय डेलिगेशन ने डॉक्यूमेंट्री के रूप में इसका सबूत भी पेश किया है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र TRF को भी आतंकी संगठन घोषित करेगा या नहीं? इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

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