
पंजाब: पहलगाम हमले में मारे गए पर्यटकों के बाद भारत सरकार के आदेशों के तहत सोमवार को भी पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी बॉर्डर के रास्ते वापस भेजा गया। हालांकि पाकिस्तान से भी भारतीय नागरिक वापस अपने देश लौटे। वहीं, पाकिस्तान लौटते समय लोगों के चेहरे पर एक अजीब सी बेचैनी दिखी और आंखों में मलाल दिखाई दिया कि अब शायद वह लोग कभी वापस भारत नहीं आ पाएंगे और ना ही अपनों से मिल पाएंगे। इसी के तहत पाकिस्तान वापस जाने के लिए बॉर्डर पर पहुंचीं 65 साल की महिला रुखसार बेगम बॉर्डर पर ही बैठ गई और काफी देर तक वापस भारत की सीमा को ही देखती रहीं। हालांकि उन्होंने मुंह से तो कुछ नहीं बोला, लेकिन उनकी आंखें बयां कर रहीं थी कि शायद अब अपने हमेशा के लिए छूट गए हों।
इसी तरह अटारी सीमा पर पहुंची पाकिस्तानी नागरिक रुखसार ने बताया कि वह 13 साल बाद अपने माता-पिता से मिलने आई थी। ढाई माह पहले वह भारत आई और अब वापस लौटना पड़ रहा है। पहले ही वह 13 साल के लंबे इंतजार के बाद अपने माता-पिता से मिल पाई थी। मगर अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शायद अब दोबारा कभी ना मिल पाऊंगी।
वहीं, अपने बच्चों के साथ वापस पाकिस्तान जाने के लिए पहुंची रजिया ने बताया कि उसके पास भारतीय पासपोर्ट होने के चलते वापस नहीं जाने दिया गया। जबकि उसके बच्चों को भेज दिया गया। उसने बताया कि सरहद के उस पर उसके शौहर खड़े इंतजार कर रहे हैं। अब दिल में यह मलाल है कि पता नहीं कब वापस अपने पति और बच्चों के पास लौट पाऊंगी।
इसके अलावा बॉर्डर पर पहुंचे शहनवाज ने बताया कि वह पाकिस्तान से अपनी फूफी से मिलने के लिए आया था। वह करीब दस दिन पहले ही भारत में आया था, लेकिन पहलगाम की घटना के बाद वापस लौटने के आदेश हुए तो वह सोमवार को अटारी बॉर्डर पर पहुंचा है। उसने बताया कि वह पहली बार भारत आया था, मगर जो हालात अब बन गए हैं। ऐसा लग रहा है कि यह शायद अपनों से आखिरी मुलाकात होगी