
हिमाचल सरकार ने मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक, अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश राज्य वित्त आयोग तथा उपाध्यक्ष राज्य योजना बोर्ड के कार्यालयों में को-टर्मिनस आधार पर सृजित/भरे गए ग्रुप सी तथा डी पदों को लेकर नए सिरे से नियम एवं शर्तें जारी की हैं। इसके तहत वरिष्ठ सलाहकार और सलाहकार (ग्रुप-सी) के पद पर नियुक्ति केवल संबंधित गण्यमान्य व्यक्तियों की विशिष्ट सिफारिशों पर ही की जाएगी। साथ ही पदधारी को सरकारी या पंजीकृत चिकित्सक से अपनी फिटनेस का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा
नियुक्त व्यक्ति की सेवाएं संबंधित गणमान्य व्यक्ति के कार्यकाल के साथ समाप्त हो जाएंगी और कार्यकाल पूरा होने के साथ ही सेवाएं स्वत: समाप्त हो जाएंगी। नियुक्त व्यक्ति की सेवा पूर्णत: अस्थायी आधार पर होगी और यदि को-टर्मिनस आधार पर नियुक्त व्यक्ति का कार्य निष्पादन व आचरण संतोषजनक नहीं पाया गया तो उसकी सेवा समाप्त की जा सकेगी। नियंत्रण प्राधिकारी की स्वीकृति के बिना ड्यूटी से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने पर सेवा स्वतः समाप्त हो जाएगी। ऐसे पद का पदनाम वरिष्ठ परामर्शदाता (सह-अवधि) तथा परामर्शदाता (सह-अवधि) होगा, जैसा भी मामला हो।
ग्रुप-सी के पद पर को-टर्मिनस आधार पर नियुक्त व्यक्ति को 12वीं कक्षा या इसके समकक्ष उत्तीर्ण होना चाहिए। कम्प्यूटर पर अंग्रेजी टाइपराइटिंग में न्यूनतम 30 शब्द प्रति मिनट या हिंदी टाइपराइटिंग में 25 शब्द प्रति मिनट की गति होनी चाहिए और कम्प्यूटर में वर्ड प्रोसेसर का ज्ञान भी होना चाहिए। टाइपिंग की गति और वर्ड प्रोसेसिंग का ज्ञान संबंधित विभाग द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
सेवाएं गण्यमान्य के कार्यकाल तक सीमित रहेंगी। वहीं, कार्य असंतोषजनक पाए जाने पर सेवा समाप्त। नियुक्त व्यक्ति नियमितीकरण का हकदार नहीं होगा। बिना स्वीकृति ड्यूटी से अनुपस्थिति पर सेवा स्वतः समाप्त। पात्रता नहीं होगी चिकित्सा प्रतिपूर्ति, एलटीसी, नियमितीकरण आदि की। मातृत्व अवकाश नियमानुसार ही मिलेगा।
उक्त पद पर नियुक्त व्यक्ति को वरिष्ठ परामर्शदाता (सह-अवधि) के मामले में 25 हजार प्रतिमाह तथा परामर्शदाता (सह-अवधि) के मामले में 20 हजार प्रतिमाह की दर से निश्चित मासिक पारिश्रमिक दिया जाएगा। इसी तरह ग्रुप-डी पद नियुक्त व्यक्ति को समय-समय पर वित्त विभाग द्वारा संशोधित न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अनुसार 10, 500 रुपए प्रतिमाह का निश्चित पारिश्रमिक दिया जाएगा। नियुक्त व्यक्ति नियमितीकरण का हकदार नहीं होगा। वह चिकित्सा प्रतिपूर्ति और एलटीसी आदि के लिए हकदार नहीं होगा, केवल मातृत्व अवकाश नियमों के अनुसार दिया जाएगा। इसके साथ ही कई अन्य शर्तें भी लगाई गई हैं।