
हाईकोर्ट ने शारदा टॉकीज के मालिक आर. संतोष के खिलाफ दायर एक वाणिज्यिक मुकदमे में वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (पेटीएम) के पक्ष में फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिंदर कौर की पीठ ने साकेत कोर्ट के 25 नवंबर 2024 के निर्णय को बरकरार रखा। इस फैसले में आर संतोष को पेटीएम को 5 लाख रुपये की सुरक्षा जमा राशि लौटाने का आदेश दिया गया था, साथ ही 8% वार्षिक ब्याज और मुकदमे की लागत भी शामिल थी
7 दिसंबर 2016 को टिकटिंग समझौते के तहत पेटीएम ने संतोष के सिनेमा हॉल के टिकटों की बिक्री और प्रचार के लिए अपनी सेवाएं प्रदान की थीं। 4 जनवरी 2017 को एक अतिरिक्त समझौते के तहत पेटीएम ने संतोष को 5 लाख रुपये की ब्याज-मुक्त सुरक्षा जमा राशि दी थी। अप्रैल 2022 में संतोष के सिनेमा हॉल के बंद होने के बाद, पेटीएम ने 13 दिसंबर 2022 को समझौते को समाप्त कर दिया और उक्त राशि वापस मांगी। संतोष ने जब राशि नहीं लौटाई तो पेटीएम ने साकेत कोर्ट में मुकदमा दायर किया।
सिनेमा हॉल की ओर से निचली अदालत में लिखित जवाब दाखिल नहीं किया और न ही पेटीएम के गवाह से जिरह की। बाद में उन्होंने दावा किया राशि मायसोर टॉकीज के खाते में गई, जिसका मालिकाना मंजुनाथ गौड़ा के पास है।
उच्च न्यायालय ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि संतोष ने टिकटिंग और अतिरिक्त समझौतों पर अपने हस्ताक्षर स्वीकार किए हैं और कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया। अदालत ने माना कि संतोष की ओर से मध्यस्थता समझौते का हवाला देना, जो टिकटिंग समझौते में शामिल था, समय से पहले नहीं उठाया गया, इसलिए इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।