
देहरादून: स्मार्ट मीटर लगाने में देरी, उपभोक्ता परेशान – ऊर्जा निगम को पत्र
देहरादून में नए बिजली कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए 10 से 15 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि नियमानुसार भुगतान के तीन दिन के भीतर मीटर लगाया जाना चाहिए। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की ओर से स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया तो शुरू कर दी गई है, लेकिन संबंधित कंपनी समय पर मीटर उपलब्ध नहीं करा रही है।
इस समस्या को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व उपप्रधान आरकेडिया प्रेमनगर, गीता बिष्ट ने ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर व्यवस्था सुधारने की मांग की है। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि निदेशक (परिचालन) मदन राम आर्य द्वारा 24 अप्रैल 2025 को सभी नए कनेक्शनों पर स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश जारी किए गए थे, जिसके बाद गढ़वाल मंडल के मुख्य अभियंता ने भी सभी उपखंड अधिकारियों को यह निर्देश दिया।
एक जून से लागू व्यवस्था के बावजूद देरी
हालांकि, एक जून 2025 से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है, लेकिन उपभोक्ताओं से भुगतान लेने के बावजूद समय पर मीटर नहीं लगाए जा रहे हैं, जिससे आम जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। गीता बिष्ट ने यह भी बताया कि विद्युत नियामक आयोग के नियमों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में तीन दिनों के भीतर नया कनेक्शन देना अनिवार्य है।
पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग
गीता बिष्ट ने प्रबंध निदेशक से आग्रह किया है कि जब तक सभी डिवीजन और उपखंड कार्यालयों में पर्याप्त संसाधन और स्टाफ उपलब्ध नहीं हो जाते, तब तक पुरानी मीटर व्यवस्था को बहाल रखा जाए। उन्होंने यह भी चेताया कि मीटर लगाने में देरी से निगम को आर्थिक दंड (पेनल्टी) का सामना करना पड़ सकता है।
सीलिंग प्रक्रिया पर भी उठे सवाल
शिकायत में यह गंभीर आरोप भी शामिल है कि कई मामलों में स्मार्ट मीटर की सीलिंग पर संबंधित अवर अभियंता के बजाय कंपनी प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर किए जा रहे हैं, जो नियमानुसार गलत है। इस तरह की प्रक्रियात्मक चूक भविष्य में उपभोक्ताओं के किसी भी कानूनी विवाद की स्थिति में ऊर्जा निगम के लिए संकट पैदा कर सकती है।