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पंचायतों में विकास रुका! मनरेगा का बजट न मिलने से नए काम शुरू नहीं

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केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में मनरेगा का बजट रोक दिया है। केंद्र सरकार से बजट न मिलने से जहां मनरेगा के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वहीं, प्रदेश में मनरेगा के नए कार्यों को बजट के अभाव में शुरू ही नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा पुराने कामों का भी भुगतान अटका हुआ है। केंद्र सरकार ने इससे पहले हिमाचल प्रदेश सरकार को मनरेगा के कार्य दिवस घटाने को कहा और अब बजट रोक दिया है। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में मनरेगा के तहत वित्त वर्ष 2025-26 में 5177 कार्य मंजूर किए गए हैं, जिसमें 904 नए कार्य मंजूर किए गए हैं। इन पर पर अभी तक कोई व्यय नहीं किया जा सका है। इनमें से 229 कार्य चल रहे हैं और इन पर 69.89 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। कुल 6311 कार्य किए जा रहे हैं, जिन पर 70.16 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश का मनरेगा बजट रोकने से प्रदेश में कई पंचायतों में मनरेगा का काम ठप हो गया है।
प्रदेश में मनरेगा के तहत कई प्रकार के कार्य हो रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से जल संरक्षण, सूखा राहत, ग्रामीण संपर्क, वनीकरण, बाढ़ नियंत्रण के कार्य शामिल हैं। इसके अलावा यह योजना ग्रामीण विकास, पर्यावरण की रक्षा, ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने, ग्रामीण और शहरी प्रवास को कम करने में भी मदद कर रही है। हिमाचल प्रदेश सरकार को पिछले वित्त वर्ष में 397 लाख कार्यदिवस मिले थे। इस वित्त वर्ष में 407 लाख कार्यदिवस का प्रस्ताव दिया गया था तो केंद्र ने कहा कि इन्हें घटाकर 250 लाख किया जाए। करोड़ों रुपए की राशि केंद्र सरकार के पास लंबित पड़ी है।

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