
हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बारिश का दाैर लगातार जारी है। चोटियों पर बर्फबारी हो रही है। जनजातीय क्षेत्र लाहौल, चंबा के पांगी में जून में दिसंबर जैसी ठंड पड़ रही है। घाटी में दशकों बाद मौसम में ऐसा बदलाव देखा जा रहा है। मौसम विशेषज्ञ इसे ग्लोबल वार्मिंग का प्रत्यक्ष्य प्रमाण मान रहे हैं। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में इस बार जून में दिसंबर जैसी सर्दी लेकर आया है। मौसम में अचानक आए इस बदलाव से लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। ठिठुरन इतनी बढ़ गई है कि लोगों को तंदूर जलाकर खुद को गर्म रखना पड़ रहा है। वहीं लोगों ने कोट, जैकेट व स्वेटर को भी बाहर निकाल दिया है। शिमला व अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी ठंडक महसूस की जा रही है।
जून की तपिश गायब
जून की तपिश गायब है। लोग सुबह स्वेटर, जैकेट पहनकर ही घर से निकल रहे हैं। पिछले कई दिनों से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार बर्फबारी हो रही है, जबकि निचले रिहायशी इलाकों में झमाझम बारिश का दौर जारी है। तापमान सामान्य से काफी नीचे चला गया है, जिससे फसलों की वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ा है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष तंजिन करपा ने कहा कि कुछ दिनों से सुबह और शाम का तापमान बहुत गिर गया है और कड़ाके की ठंड पड़ रही है। कहा कि ऐसा मौसम दशकों बाद देखने को मिल रहा है। पर्यटन कारोबारी रमेश, दोरजे और रिगजिन ने कहा कि ठंड के कारण पर्यटक टैंट व कैंपिंग के बजाय होटल और होम स्टे में ठहरने की प्राथमिकता दे रहे हैं।
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रात को भी जमकर बरसे बादल
तापमान में भारी गिरावट