
प्रदेश की पहली योग नीति और कर्मचारियों, पेंशनरों व उनके आश्रितों को गोल्डन कार्ड पर कैशलेस इलाज के लिए नई व्यवस्था का मंजूरी मिल सकती है। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में कई विभागों के प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी।
पिछले दो साल से योग नीति तैयार की जा रही है। प्रदेश में योग के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने के साथ ही बेहतर सुविधाएं देने के लिए नीति में प्रदेश सरकार प्रोत्साहन का प्रावधान करने जा रही है। इसके अलावा प्रदेश में संचालित योग एवं ध्यान केंद्रों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा।
ध्यान गुफाएं, विपासना केंद्र व योग रिट्रीट बनाने के नियम भी तय होंगे। सभी स्कूलों में योग और ध्यान को पाठ्यक्रम गतिविधियों में शामिल करने का प्रावधान किया जाएगा। नीति में योग, नेचुरोपैथी, आध्यात्मिक के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दिया जा सकता है।
कर्मचारियों, पेंशनरों उनके आश्रितों के लिए संचालित गोल्डन कार्ड योजना में कैशलेस सुविधा है। लेकिन कार्मिकों के अंशदान से सालाना 120 करोड़ प्राप्त हो रहे हैं। जबकि इलाज का खर्च इससे दोगुना है। गैप फंडिंग के लिए कैशलेस इलाज की नई व्यवस्था का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा।