
बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ नेता अजहरुल इस्लाम को 1971 के मुक्ति संग्राम से जुड़े युद्ध अपराध मामले में मंगलवार को बरी कर दिया।
किस मामले में सुनाई गई थी सजा?
इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने अजहरुल इस्लाम को नरसंहार, हत्या और दुष्कर्म जैसे मानवता के खिलाफ अपराधों में दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा को रद्द कर दिया है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विधि सलाहकार प्रोफेसर आसिफ नजरूल ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनाया फैसला
सरकारी वकील के अनुसार, यह फैसला प्रधान न्यायाधीश सैयद रिफात अहमद की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पूर्ण पीठ ने सुनाया। कोर्ट ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया है कि यदि अजहरुल इस्लाम किसी अन्य मामले में हिरासत में नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।
युद्ध अपराधों के आरोप और पृष्ठभूमि
73 वर्षीय अजहरुल इस्लाम पर 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना का सहयोग करने और युद्ध अपराधों में शामिल होने के गंभीर आरोप थे।
बांग्लादेश ने 2009 में युद्ध अपराधों की जांच और अभियोजन की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत कई वरिष्ठ जमात-ए-इस्लामी नेताओं और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कुछ वरिष्ठ नेताओं को सजा दी गई थी, जिनमें से कुछ को फांसी भी दी जा चुकी है।