
बिहार:- बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री मंगलवार को करीब ढाई महीने बाद फिर से बिहार पहुंचे। रात 10 बजे मुजफ्फरपुर पहुंचे बाबा को देखने के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोग दोपहर से ही बाबा के इंतजार में बैठे थे। इधर, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने दरबार का शुभारंभ बाबा गरीब नाथ के जयकारे लगाकर किया। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर के बाबा गरीब नाथ में महादेव विराजमान हैं, यह बिहार की काशी नगरी है। रात के सवा दस बजे पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री का जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान लाखों की भीड़ उन्हें देखने के लिए उमड़ी रही। इस ऐतिहासिक भीड़ को देखकर धीरेंद्र शास्त्री गदगद हो गए औिर कहा कि बिहार मुझे बेहद पसंद है और यहां आने के लिए मैं हमेशा बेताब रहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बाबा गरीब नाथ की धरती है और यहां आकर मैं अभिभूत हो गया हूं। गली-मोहल्लों में लोगों का धर्म के प्रति यह जज़्बा देखकर मेरा मन प्रसन्न हो गया है। इस दौरान उन्होंने दिव्य दरबार लगाया और लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका निदान किया।
धीरेंद्र शास्त्री पाकिस्तान पर हमलावर दिखे और कहा कि हमारा दुश्मन देश पाकिस्तान एक तरह से बिगड़ैल औलाद है। वह सुधरना नहीं चाहता, इसलिए हमारी सेना उसे सुधारने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाक के अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया है और हम सभी को भारतीय सेना के पराक्रम पर गर्व है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान चीन के मिसाइल पर भरोसा करता है, जबकि भारत के लोग चीन के चार्जर पर भी भरोसा नहीं करते। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमारी बहनों का सुहाग सिंदूर उजाड़ा, तो हमने सिंदूर ऑपरेशन चलाया। अभी तो हमने सिंदूर ऑपरेशन किया है, जबकि हल्दी, मेहंदी और मंगलसूत्र का ऑपरेशन बाकी है।
हिंदू राष्ट्र और रामराज्य पर बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अगर कोई मुझसे पूछे कि आप क्या चाहते हैं, तो मैं कहूंगा कि मुझे हिंदू राष्ट्र चाहिए, जहां रामराज्य हो। हमारा सपना है कि हमारा भारत हिंदू राष्ट्र बने, जिसमें मंदिरों में खूब भीड़ हो और सड़कों पर तूफान हो। इस तूफान में खड़ा हमारा भारत हिंदू राष्ट्र हो। हमें इसे पूरा करने के लिए सभी हिंदुओं को एक रहना चाहिए और आपसी प्रेम और भाईचारे को बनाए रखना चाहिए, ताकि कोई भी आंख दिखाने से पहले सौ बार सोचे। बाबा ने कहा कि हिन्दू राष्ट्र के लिए वह सात नवंबर से 10 दिन की पद यात्रा पर निकलेंगे।
जातीय गणना को लेकर उन्होंने चिंता जताई और कहा कि यह हमारे भारत के विश्व गुरु बनने में सबसे बड़ी बाधक है। उन्होंने कहा, “अगर देश में गणना करनी है, तो अमीर और गरीब की गणना होनी चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि भारत में कितने अमीर और कितने गरीब लोग हैं। इससे देश के जरूरतमंद लोगों को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सकेगा। भारत तभी विश्व गुरु बन सकता है, क्योंकि कहते हैं कि कंधे से ऊंची हमारी छाती कभी नहीं होती। जाति में बंटने से हिंदू कमजोर होंगे और दुश्मन हावी हो जाएगा, इसलिए सभी को एक होना चाहिए।”