
केदारनाथ पैदल मार्ग पर तीन दिन से बंद घोड़े-खच्चरों का संचालन गुरुवार को भी शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि सरकार ने गौरीकुंड में स्वस्थ घोषित किए घोड़े-खच्चरों का पूर्ण परीक्षण करने के बाद शनिवार से उन्हें राशन समेत जरूरी सामग्री पहुंचाने के काम में लगाने का निर्णय लिया है। स्थितियां सामान्य होने पर ही घोड़े-खच्चरों को यात्रा में शामिल किया जाएगा।
घोड़े और खच्चरों में फैली इक्वाइन इन्फ्लुएंजा बीमारी के बाद पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सोनप्रयाग में चारधाम यात्रा से जुड़ी पशु प्रबंधन व्यवस्था व यात्री सुविधाओं का जायजा लिया। कहा कि घोड़े-खच्चरों की स्क्रीनिंग में लापरवाही सामने आई तो अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। गौरीकुंड से केदानाथ तक चार पशु चिकित्सा केंद्र खोले जाएंगे और एक एमआरपी समेत 15 सदस्यीय टीम तैनात की जाएगी।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने गुरुवार को घोड़ा-खच्चर के स्वास्थ्य प्रबंधन की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली। इसमें शनिवार से राशन समेत जरूरी सामग्री केदारपुरी पहुंचाने का निर्णय भी लिया गया। यदि ट्रायल के दौरान व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं तो सीतापुर, रामपुर और त्रियुगीनारायण से भी घोड़ा-खच्चर को यात्रा में शामिल किया जाएगा। केदारनाथ धाम में राशन समेत जरूरी सामग्री केवल घोड़े खच्चरों से ही सप्लाई होती है। पिछले तीन दिन से केदारनाथ पैदल मार्ग पर राशन समेत सभी जरूरी सामग्री पूरी तरह आपूर्ति बंद है।
केदारनाथ धाम में जरूरी सामग्री की किल्लत भी होने लगी है, जिसको देखते हुए पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि शनिवार से राशन व जरूरी सामग्री घोड़े खच्चरों से भिजवाया जाएगा, जिससे स्थिति में सुधार हो जाएगी। रामपुर में आयोजित बैठक में पशुपालन मंत्री ने कहा कि नौ जगहों पर 33 डाक्टरों की तैनाती की गई है। यात्रा में संचालित सभी घोड़े-खच्चरों की नियमित जांच सुनिश्चित करने के साथ ही संक्रमण की रोकथाम के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाएं। इससे पूर्व उन्होंने यात्री शेड, पेयजल व्यवस्था और घोड़ा-खच्चर के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया।