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पहलगाम के घावों पर मरहम, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पीड़ित परिवार ने ली राहत की सांस

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पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों की स्ट्राइक के दौरान धमाकों से आसमान लाल हो गया। इसके बाद फिर आकाश की लाली खत्म हुई तो अंधेरे में टिमटिमाती रोशनी के बीच फिर फाइटर जेट की गूंज सुनाई देने लगी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुछ-कुछ देर पर एक-एक कर कई धमाके हुए। यह सिलसिला करीब 40 मिनट से अधिक तक चला। कुछ मिनट के लिए आवाज थमी और फिर लगातार लड़ाकू विमान मंडराते रहे। इस बीच पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों के बयान भी आने लगे। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का स्वागत किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और भारतीय सशसत्र बलों को सलाम किया।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों के हमले में मारे गए एन. रामचंद्रन की बेटी आरती का दर्द बुधवार को भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर से कुछ कम हुआ। उनको हुए नुकसान को कोई नहीं पूरी करता, लेकिन अब उन्हें इस बात की तसल्ली है कि गुनहगारों को सख्त सजा मिल गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे उनके सामने मारे गए लोगों के परिवारों को कुछ राहत मिलेगी। उन्होंने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी शिविरों पर मिसाइल हमलों के लिए प्रधानमंत्री, भारतीय सेना और सरकार को सलाम किया।

आरती के पिता को 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में छुट्टियां मनाते समय आतंकवादियों ने उनके सामने ही मार दिया था आरती ने यह भी कहा कि मिशन के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बेहतर कोई नाम नहीं हो सकता था। आतंकवाद का इससे बेहतर कोई जवाब नहीं हो सकता था, जिसने हमारे सामने हमारे पिता, भाई या पतियों को मार डाला। उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों को इस ऑपरेशन से राहत मिली होगी। ऑपरेशन सिंदूर से हिमांशी नरवाल सहित सभी पीड़ितों के परिवारों को कुछ राहत और सुकून मिला होगा। हिमांशी के पति भी आतंकी हमले में मारे गए लोगों में से एक थे और उनके पति के शव के पास बैठी उनकी तस्वीर इस घातक घटना की भयावह याद बन गई थी।

मृतक संतोष जगदाले की बेटी असावरी जगदाले ने इस भयावह आतंकवादी हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने का बदला लेने के लिए सरकार और भारतीय सेना के प्रयासों की सराहना की। असावरी ने कहा कि कई लोगों ने अपने पति और पिता को खो दिया है, लेकिन यह व्यर्थ नहीं गया। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू करके पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है और न्याय दिया है। जगदाले ने कहा, ‘हमारे रिश्तेदारों से (ऑपरेशन सिंदूर के बारे में) फोन आए। भारत ने इन हवाई हमलों के जरिए पहलगाम हमले का बदला लिया है। मिशन का नाम (सिंदूर) सुनकर मैं बेहद भावुक हो गई थी। जब अमित शाह श्रीनगर में मृतकों को श्रद्धांजलि देने आए थे, तो अपने पतियों को खोने वाली बहनें गिड़गिड़ा रही थीं। मुझे लगता है कि इसीलिए ऑपरेशन को ऐसा नाम दिया गया है।’

पीड़ित मंजूनाथ राव की मां सुमति ने सैन्य कार्रवाई का स्वागत किया और कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा है। वह नहीं चाहतीं कि उनके बेटे का बलिदान व्यर्थ जाए। यह संतुष्टि की भावना नहीं है, क्योंकि उनका बेटा वापस नहीं आएगा, लेकिन ऐसी चीजें दूसरों के बच्चों के साथ नहीं होनी चाहिए। सुमति ने पीटीआई से कहा, ‘हमें विश्वास था कि मोदी सही निर्णय लेंगे और उन्होंने उसी के अनुसार निर्णय लिया। निर्दोषों को कुछ नहीं होना चाहिए, लेकिन जो लोग हमारे खिलाफ अत्याचार की कोशिश करते हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए। मेरे बेटे का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। मुझे लगता है कि सही निर्णय लिया गया है।

इससे पहले पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों की निर्मम हत्या के दो हफ्ते बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सैन्य हमले किए गए।

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