
पहलगाम हमले के बाद सीमाओं पर तनाव के कारण हिमाचल प्रदेश में सैलानियों की संख्या में कमी आई है। समर टूरिस्ट सीजन शुरू होने के बाद लगातार दूसरे वीकेंड पर बुकिंग कम है। शिमला, कुफरी, नारकंडा, धर्मशाला, कसौली और चायल सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर सैलानी उम्मीद के मुकाबले कम हैं। टूरिस्ट सीजन में पर्यटन स्थलों पर उत्तर भारत के चुनिंदा राज्यों से ही टूरिस्ट पहुंच रहे हैं। हर साल भीषण गर्मी से राहत के लिए दक्षिण भारत से बड़ी संख्या में सैलानी प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहुंचते हैं।
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना से सैलानियों के बड़े ग्रुप आने से पर्यटन कारोबार को रफ्तार मिलती है, लेकिन पहलगाम हादसे के बाद दक्षिण भारत के सैलानियों ने बुकिंग रद्द करवानी शुरू कर दी है। पर्यटन कारोबारियों का मानना है कि सीमा पर तनाव मुख्य कारण है। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के महासचिव मनु सूद का कहना है कि आंतकी घटना और सीमा पर तनाव के कारण ग्रुप बुकिंग रद्द हो रही हैं। सब ठीक रहा तो जून, में समर टूरिस्ट सीजन रफ्तार पकड़ेगा।
कुल्लू की जीभी और कसोल वैली में भी सैलानियों की संख्या में गिरावट आई है। जीभी वैली टूरिज्म डेवलपमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष किशन चौहान का कहना है कि आतंकी हमले और औट व जीभी के बीच मंगलौर के आसपास एनएच की खस्ताहालत से पर्यटक कम हैं। होटल, होम स्टे, गेस्ट हाउस में 50 फीसदी तक ही ऑक्यूपैसी है।
पहलगाम आतंकी हमले के सैलानी हिमाचल आने से भी कतरा रहे हैं। विशेषकर दक्षिण भारत के सैलानी हिमाचल व कश्मीर को एक ही समझते हैं। 15 मई के बाद के लिए इंक्वायरी आ रही है लेकिन बुकिंग कंफर्म नहीं हो पा रही। उम्मीद है 15 मई के बाद सीजन रफ्तार पकड़ेगा। -गजेंद्र चंद ठाकुर, अध्यक्ष फेडरेशन आहे रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन