
दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में आज सुबह मौसम का मिजाज बदल गया। तेज आंधी-तूफान और भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। वहीं, भीषण गर्मी से परेशान दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह बारिश ने लोगों को राहत दी। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के कई हिस्सों में आंधी-तूफान के चलते पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। सुबह-सुबह दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश हुई। गरज-चमक के बीच बारिश का अनुमान मौसम विभाग ने व्यक्त किया था। लगातार हो रही तेज बारिश से दिल्ली की सड़कों पर पानी भर गया है। दिल्ली में बूंदाबांदी का सिलसिला तड़के 3 बजे के बाज शुरू हुआ। पहले आईटीओ, मंडी हाउस और मध्य दिल्ली के कुछ इलाकों में बूंदाबांदी और बारिश शुरू हुई। इसके बाद हवाओं में तेजी आई और अंधेरे के बीच गरज-चमक के साथ तेज बारिश होने लगी।
मौसम विभाग के अनुसार 1 मई से 7 मई तक आंधी व बारिश का अनुमान है। इस कारण से तापमान 34 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के असर से 1 मई की रात से 4 मई की सुबह तक मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। 5 और 6 मई को शाम के समय आंधी-तूफान और बादल गरजने की गतिविधियां रहेंगी। इससे पहले मौसम विभाग एक से दो मई के लिए बारिश व आंधी का यलो अलर्ट जारी कर चुका है।
दिल्ली हवाई अड्डे पर शुक्रवार सुबह आंधी-तूफान और तेज़ हवाओं के कारण परिचालन बाधित होने के कारण तीन उड़ानों का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया और 100 से अधिक उड़ानें विलंबित हो गईं। दिल्ली में खराब मौसम के कारण एक फ्लाइट को अहमदाबाद और दो फ्लाइट को जयपुर डायवर्ट किया गया और कई अन्य फ्लाइट में देरी हुई। दिल्ली एयरपोर्ट से जुड़े सूत्र ने यह जानकारी दी है।
गाजियाबाद में शुक्रवार तड़के मौसम का मिजाज बदल गया। पहले तेज आंधी चली। इसके बाद बादल गरजे और पांच बजे बारिश शुरू हो गई। इसके बाद पारा चार डिग्री नीचे आ गया। मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर यूपी शाही ने बताया कि तेज हवा चलने की वजह से पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता अचानक बढ़ गई। आने वाले चार-पांच दिन तक आसमान में बादल छाए रहेंगे। अधिकतम तापमान जहां 40 को पार कर रहा था। वहीं अब यह 30-32 के आसपास रहेगा। रविवार और सोमवार को भी बारिश होने की संभावना बन रही है। हवा की रफ्तार बढ़ने से धूप निकलने पर भी गर्मी से राहत मिली रहेगी। दिल्ली-एनसीआर में आज हुई भारी बारिश के कारण कई पेड़ उखड़ गए और भारी जलभराव हो गया। लोग सड़कों पर भरे पानी के बीच से गुजरने को मजबूर हैं।