
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पहली बार बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सुबह 11 बजे बैठक बुलाई गई है। पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल की कोई बैठक नहीं हुई थी और केवल सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की 23 अप्रैल को बैठक हुई थी और उसने आतंकी हमले की निंदा की थी। इसके अलावा, आज सीसीएस की बैठक होगी। सूत्रों का कहना है कि सीसीएस की बैठक में आर या पार का निर्णय किया जा सकता है। इसीलिए सेना प्रमुखों के साथ पीएम ने बैठक की। दरअसल, सीसीएस में देश की सुरक्षा के संदर्भ में अहम निर्णय लिए जाते हैं।
पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई कभी भी हो सकती है। सख्त कार्रवाई का सीधा संकेत देने के लिए ही पीएम ने सेना को खुली छूट दी। इसके लिए सेना ने कराची बंदरगाह का संपर्क काटने, पीओके में सीधा हमला बोलने सहित अन्य विकल्पों पर विस्तार से मंथन किया है। सैन्य कार्रवाई से पहले कूटनीतिक मोर्चे पर वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति बनाई गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान भी इस बैठक का हिस्सा थे। बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली। यह बैठक उस समय हुई है, जब दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत जवाबी कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रहा है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। सरकारी सूत्रों के अनुसार, बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद पर करारी चोट करना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। पीएम मोदी ने सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा विश्वास और भरोसा जताया। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा, उन्हें (सशस्त्र बलों को) हमारी प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी स्वतंत्रता है।