
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य को 2027 तक हरित राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसको लेकर काम शुरू हो गया है। इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। वन विभाग पूरे प्रदेश में पौधरोपण के लिए उपयुक्त जमीन की पहचान कर रहा है। गांवों में विभाग की टीमें सर्वे कर रही हैं। योजना में ग्राम पंचायतों और युवा मंडलों को एक से पांच हेक्टेयर जमीन पर पेड़ लगाने के लिए सहायता दी जाएगी। दो हेक्टेयर जमीन के लिए 2.40 लाख रुपये तक की मदद मिलेगी। अगर लगाए गए पौधों में से 50 फीसदी से ज्यादा बचते हैं, तो अगले चार साल तक हर साल 1 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।अगर कोई ग्राम पंचायत या युवा मंडल इस योजना का फायदा लेना चाहता है, तो उन्हें अपने नजदीकी वन रक्षक या क्षेत्रीय वन अधिकारी से संपर्क करना होगा।
पंजीकरण के बाद वन विभाग के कर्मचारी गांव में आकर जमीन का निरीक्षण करेंगे। वे देखेंगे कि जमीन पौधरोपण के लिए सही है या नहीं, वहां कितने पौधे लगाए जा सकते हैं और किस प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। पौधे लगाने के लिए कुछ खास प्रजातियों को ही चुना गया है। इन जगहों पर बान, ब्यूल जैसे स्थानीय पेड़ और फल देने वाले पौधे जैसे अनारदाना, कचनार और बुरांश लगाए जाएंगे। इससे न सिर्फ पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि गांव के लोगों को भी फल और लकड़ी का लाभ मिल सकेगा। मुख्य अरण्यपाल वन वृत्त शिमला के थिरूमल ने कहा कि ग्राम पंचायतें और युवा मंडल पौधरोपण करने के लिए विभाग को आवेदन दे सकते हैं। इस योजना का मकसद प्रदेश में हरियाली बढ़ाना और लोगों को पर्यावरण की रक्षा में शामिल करना है।