
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। इस हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्ल्यूआईसीई) के महासचिव अशोक दुबे ने पाकिस्तानी कलाकारों और तकनीशियनों के भारत में काम करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने साफ कहा कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है और इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एएनआई से बात करते हुए अशोक दुबे ने कहा, “यह राष्ट्रीय हित का मामला है। देश पहले आता है। पहलगाम में हमारे पर्यटकों पर हुआ हमला शर्मनाक है। हमने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें साफ कहा गया है कि अगर हमारे किसी सदस्य ने पाकिस्तानी कलाकारों या तकनीशियनों के साथ काम किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और हम उनके साथ सहयोग बंद कर देंगे।
” अशोक दुबे ने कहा कि एफडब्ल्यूआईसीई से जुड़े सभी संगठनों को पत्र भेजे जा रहे हैं। उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को भी पत्र लिखकर मांग की है कि अगर कोई भारतीय सदस्य पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करता है तो उसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा, “हमारे किसी भी सदस्य को ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं दी जाएगी। अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उसे फिल्म इंडस्ट्री में काम करने से रोका जाएगा। हमने मंत्रालय से अनुरोध किया है कि एक अधिसूचना जारी की जाए ताकि लोग ऐसी हरकत करने से पहले हजार बार सोचें।”
इस हमले के बाद पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की फिल्म ‘अबीर गुलाल’ भी विवादों में घिर गई है। यह फिल्म 9 मई 2025 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिया है कि इसे भारत में प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एफडब्ल्यूआईसीई ने फिल्म के निर्माता विवेक अग्रवाल को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो इसके यूनिट मेंबर (कैमरामैन से लेकर डायरेक्टर तक) में से किसी के साथ भी सहयोग नहीं किया जाएगा।
अशोक दुबे ने कहा, “हमने विवेक अग्रवाल को पत्र लिखकर कहा कि आप इस तरह पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम नहीं कर सकते। अगर यह फिल्म रिलीज हुई तो हम हर यूनिट मेंबर के साथ सहयोग बंद कर देंगे। हमने मंत्रालय से भी इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।”