
चंडीगढ़:- चंडीगढ़ शहर में 48 शराब के ठेकों के लिए आज नीलामी होगी। इन ठेकों की एक माह में दूसरी बार नीलामी हो रही है। शहर में इस समय 50 फीसद शराब के ठेके खाली पड़े है क्योंकि जिन 48 ठेकों की फिर से नीलामी हो रही है। प्रशासन ने इन ठेकों का लाइसेंस बैंक गारंटी जमा न होने के कारण रद्द कर दिया था। जिस कारण अब यह शराब के ठेके बंद पड़े हैं। लेकिन हाईकोर्ट ने इन ठेकेदारों को 21 अप्रैल को होने वाली नीलामी में भाग लेने की मंजूरी दे दी है। प्रशासन ने इन ठेकेदारों के नीलामी में भाग लेने पर पाबंदी लगाई थी। जिसको ठेकेदारों ने हाईकोर्ट में अरजी दाखिल करके चुनौती दी। इस समय शहर में जो ठेके चल रहे हैं वहां पर दो से ढाई गुना महंगे रेट पर शराब बिक रही है। प्रशासन की नई आबकारी नीति के तहत कुल 97 ठेकों की साइट तय की गई थी। शहर में शराब की कालाबाजारी शुरू हो गई है। वाइन कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने भी अलग से नीलामी प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अरजी दाखिल की हुई है जो कि विचाराधीन है जिसकी सुनवाई की अगली तारीख 24 अप्रैल को होनी है।
सेक्टर-20 के जिस शराब के ठेके की 55 करोड़ रुपये की बोली लगी थी उसकी नीलामी को भी खारिज कर दिया गया है अब इस ठेके की भी नीलामी फिर से 21 अप्रैल को होगी। वाइन कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन का आरोप है कि जो ठेके इस समय चल भी रहे हैं वह भी एक या दो परिवार के सदस्यों के नाम पर है इसलिए शराब महंगी बिक रही है। इस बार की आबकारी नीति से प्रशासन ने 800 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है। आबकारी नीति 2025-26 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है, कि अधिकतम 10 ठेके ही व्यक्तियों के फर्म कंपनी एसोसिएशन को आवंटित की जाएंगी। वाइन कान्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने भी प्रशासक से टेंडरिंग प्रक्रिया की ईडी और सीबीआई जांच की मांग की थी।जिसके बाद एसोसिएशन ने सीबीआइ और ईडी को पत्र लिखा है।