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हिमाचल प्रदेश: जलशक्ति विभाग में आउटसोर्स कर्मचारी को आरटीआई मामलों में लगाया गया, राज्य सूचना आयोग ने दी सख्त चेतावनी

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हिमाचल प्रदेश:- जलशक्ति विभाग में एक आउटसोर्स कर्मचारी को आरटीआई एक्ट के तहत फाइलें डील करने में लगा दिया गया। इसका राज्य सूचना आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने हाल ही में एक आदेश में जलशक्ति विभाग के यूएस क्लब शिमला के एक आउटसोर्स कर्मचारी को सूचना के अधिकार (आरटीआई) मामलों से संबंधित सुनवाई के दौरान जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) का प्रतिनिधित्व करने के खिलाफ सख्त चेतावनी दी है। यह चेतावनी राज्य सूचना आयुक्त डॉ. एसएस गुलेरिया ने एक अपील की सुनवाई के दौरान जारी की। आयोग के समक्ष कार्यवाही के दौरान एक आउटसोर्स कर्मचारी जनसूचना अधिकारी की ओर से बोल रहा था।

आयोग ने स्पष्ट किया कि आउटसोर्स कर्मचारी को ऐसी सुनवाई के दौरान जनसूचना अधिकारी की ओर से बोलने या सहायता करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। आयोग ने हाल ही में जनसूचना अधिकारी यानी डीजीएम को बतौर जनसूचना अधिकारी शामिल होने के कारण विशिष्ट मामले में नरम रुख अपनाया और पीआईओ को स्वयं 15 दिनों के भीतर मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। आयोग के आदेशों की अनुपालना न करने पर आरटीआई एक्ट की धारा 20 (1) और (2) के तहत दंडात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी। दरअसल अपीलकर्ता पवन कुमार बंटा ने विभाग से शिमला में वाटर बिलों के एरियर और रिकवरी प्रणाली का विवरण मांगा था। उसके बाद सूचना नहीं मिलने और प्रथम अपील में भी समस्या का निराकरण नहीं होने पर आयोग में यह अपील की।

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