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फीफा में ईरान के 11 फुटबॉल खिलाड़ियों कि पूरे दुनिया में हो रही है साहस की चर्चा, हो सकतीं हैं अपने देश जाकर जेल

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Hind News TV Desk:—-फुटबॉल की दुनिया का सबसे बड़ा मैच फीफा वर्ल्ड कप 2009 होने जा रहा था स्टेडियम हजारों दर्शकों की भीड़ के बीच मैदान में कंधे से कंधा मिलाकर 11 खिलाड़ी गर्व से सीना ऊंचा किए हुए खड़े थे और आंखों में आक्रोश लेकिन लबों पर कोई हरकत नहीं। यह कोई साधारण दृश्य नहीं था दरअसल यह को सत्ता के खिलाफ प्रतिशोध और आग का मुजहरा था। लबों से एक शब्द भी नहीं फूटे लेकिन खामोशी पर प्रतिशोध की गूंज हजारों किलोमीटर दूर तानाशाही सत्ता के कानों में गूंज रही होगी।

 

 

ईरानी खिलाड़ी फीफा वर्ल्ड कप
हिजाब के खिलाफ फीफा वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के साथ हो रहे मैच में ईरान के खिलाड़ियों ने राष्ट्रगान गाने से मना कर दिया

यह दृश्य था सोमवार को ईरान और इंग्लैंड के बीच वर्ल्ड कप से पहले का ईरान खिलाड़ियों ने हिजाब के खिलाफ आंदोलन के समर्थन में मैच से पहले राष्ट्रगान गाने से इंकार कर दिया। फुटबॉल टीम के खिलाड़ियों को इस बात का अंदाजा जरूर होगा कि उनके इस कदम का अंजाम क्या होगा ईरान की तानाशाह सत्ता उन्हें देश निकाला दे सकते हैं या जेल में भी डाल सकती है। लेकिन इस सब अंजाम से बेफिक्र यह 11 खिलाड़ी ईरान में हो रहे हिजाब को लेकर प्रदर्शन वहां की महिलाओं के साथ अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर खड़े रहे।

फीफा वर्ल्ड कप
ईरान के खिलाड़ी महिलाओं के समर्थन में खड़े थे हजारों दर्शकों के सामने फीफा वर्ल्ड कप के मैच में राष्ट्रगान नहीं गाया

 

इंग्लैंड के खिलाफ मैच से पहले प्रेस कांफ्रेंस में ही ईरानी कैप्टन एहसान हद ने साफ कर दिया था कि टीम अपने हक के लिए मजहबी तानाशाह सत्ता के खिलाफ लड़ रही महिलाओं के साथ है।उन्होंने कहा हमें यह स्वीकार करना होगा कि हमारे देश में हालात ठीक नहीं है, और हमारे देश के लोग खुश नहीं है, उन्हें पता होना चाहिए हम उनके साथ हैं और उनका समर्थन करते हैं।लेकिन तब शायद ही किसी को अंदाजा होगा कि कुछ देर बाद ही ईरान के यह 11 लड़ाके मैदान में उतरेंगे तो अपनी हिम्मत से ही ईरान के मजहबी कट्टरपंथ सरकार और सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली को सीधे सीधे चुनौती देंगे। हिजाब के खिलाफ चल रहे एंटी हिजाब आंदोलन के दौरान अब तक 400 से ज्यादा आंदोलनकारियों की मौत हो चुकी है, इनमें 58 नाबालिग भी शामिल है। ईरानी सरकार बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर रही है अब तक 17 हजार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले भी ईरान की एक पूर्व फुटबॉल टीम ने इसी महीने जीत के बाद जीत की खुसी मानने से इनकार कर दिया था।डोमेस्टिक सुपर कप की विजेता टीम ने महिलाओं के आंदोलन के साथ एकजुटता का इजहार के लिए जश्न मनाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ईरानी सरकार को डर सता रहा है कहीं फीफा वर्ल्ड कप में टीम भी कहीं ऐसा ही ना कर दे, इस आंदोलन को और तेजी मिलेगी यही वजह है कि टीम के दोहा रवाना होने से पहले कट्टरपंथी राष्ट्रपति ने टीम की सदस्यों से मुलाकात की थी।

इंग्लैंड के साथ वर्ल्ड कप में फुटबॉल मैच के साथ के दौरान
ईरान के खिलाड़ियों ने राष्ट्रगान गाने से मना कर दिया क्योंकि वह हिजाब आंदोलन में महिलाओं के साथ खड़े हे

 

2 महीने पहले एक युवती की हत्या के बाद पूरे ईरान में महिला के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं ईरान की पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था कि हिजाब पहनने के बाद उसके बाद उसके कुछ बाल दिखाई दे रहा था। पुलिस ने उसके साथ बर्बरता की जिसके बाद 22 साल की यह लड़की कोमा में चली गयी। 16 सितंबर 2005 की मौत हो गई।इसके खिलाफ पूरे ईरान में आंदोलन हो गए,महिलाओं के विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए बर्बरता की हद पार गई, ईरान की पुलिस महिलाओं पर बल प्रयोग कर रहीं हैं। यहां तक की गोलियां भी मारी जा रही है। जिसमें नाबालिक बच्चे को भी गोलियों से मारे गयीं हैं।

 

 

 

आज फीफा वर्ल्ड कप के दौरान जब इंग्लैंड और ईरान का मैच होने जा रहा था, उससे पहले जो देश का राष्ट्रीय गाना गाया जाना था, लकिन ईरान की फुटबाल टीम ने राष्ट्रगान गाने से मना कर दिया,साथ ही हजारों दर्शक मैच देखने आए दर्शकों ने भी ईरान के इन खिलाड़ियों का तालियां बजाकर जबरदस्त समर्थन किया।

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