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जोधपुर: दुष्कर्म मामले में आसाराम को मिली उम्रकैद

जोधपुर: दुष्कर्म मामले में आसाराम को मिली उम्रकैद

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जोधपुर कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, सत्य की हुई जीत, नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में 2013 से जोधपुर जेल में बंद आसाराम को जज मधुसूदन शर्मा ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं, इस केस में आसाराम के अलावा दो अन्य शिल्पी और शरतचंद्र को भी दोषी करार दिया गया है, तो वहीं कोर्ट ने दो अन्य प्रकाश और शिवा को बरी कर दिया गया है, आसाराम को जोधपुर की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है ।

आसाराम मामले का फैसला सुनाने के दौरान जोधपुर की सेंट्रल जेल और आसपास का इलाका पूरी तरह से पुलिस छावनी बना रहा, इस इलाके की पूरी तरह से किलाबंदी कर रखी थी, जेल में कोर्ट लगने और फैसले के मद्देनजर पुलिस ने मंगलवार रात से ही सेंट्रल जेल की तरफ जाने वाले रास्ते सील कर दिए थे । बुधवार को इस रास्ते पर सिर्फ क्षेत्र में स्थित सरकारी कार्यालय में ड्यूटी पर जाने वाले कर्मचारियों को ही परिचय पत्र की जांच के बाद जाने की इजाजत दी गई । इसके अलावा किसी भी व्यक्ति के पैदल या वाहन से आवाजाही पर पूर्ण रूप से पाबंदी रही।

डीसीपी डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने बताया कि, बीकानेर, खैरवाड़ा सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों से आई आरएसी की पांच कंपनियों को यहां पर तैनात किया गया है, इसके साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब दो हजार से अधिक जवानों और अधिकारियों को तैनात किया गया है । साथ ही दंगा निरोधक दस्ता, वॉटर कैनन और वज्र भी तैनात किए गए, किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए 700 जवानों को रिजर्व रखा गया है, जोधपुर रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, पब्लिक पार्क, हाइकोर्ट रोड, नई सड़क और सोजती गेट सहित आसपास के इलाकों पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है ।

डीसीपी डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने कहा कि, कड़ी सुरक्षा के बाद भी कुछ समर्थक यहां जोधपुर आ गए जिन्हें पुलिस ने पकड़ लिया । फैसला आने से पहले आसाराम के करीब एक दर्जन से अधिक समर्थकों को पुलिस ने पकड़ा, पुलिस ने अलग-अलग जगहों से आसाराम के समर्थकों को पकड़ा है, राजकीय रेलवे पुलिस थाना के बाहर से चार महिला समर्थक को पकड़ा, रेलवे सुरक्षा बल के अनुसार महिलाएं उत्तर प्रदेश, एक ग्वालियर और आगरा से आई हुई है । पुलिस का अंदेशा है कि, चारों महिलाएं आसाराम सर्मथक है, वहीं महिलाओं का कहना है कि, वो जोधपुर में कपड़ों की खरीदारी करने के लिए आई हुई है, जबकि महिलाएं पुलिस की पूछताछ में अस्पष्ट जवाब दे रही थी, इसके बाद पुलिस ने उनको रेलवे पुलिस थाना में बिठा दिया।

एहतियात के तौर पर बुधवार को भी रेलवे स्टेशन का दूसरा द्वार बंद रहा, रेलवे के वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी गोपाल शर्मा के अनुसार आसाराम से सम्बन्धित प्रकरण मे जेल में निर्णय दिए जाने को ध्यान में रखते हुए, जोधपुर स्टेशन और उसके आसपास के एरिया में यात्रियों की सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जोधपुर रेलवे स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार को मंगलवार रात आठ बजे बंद कर दिया गया था, यह द्वार बुधवार रात 12 बजे तक बंद रहेगा।

आसाराम मामले की मॉनिटरिंग करने वाले तत्कालीन डीसीपी पश्चिम और वर्तमान में एसीबी के पुलिस अधीक्षक अजयपाल लाम्बा ने भी एक संदेश जारी कर न्याय प्रणाली को धन्यवाद दिया है, साथ ही अपने सहयोगियों को इस मामले में निष्पक्ष जांच में जुटकर लगने के लिए भी शुभकामनाएं दी है । उन्होंने अपने संदेश में लिखा है कि अंत में सच्चाई जीत हुई है, लाम्बा ने बताया कि मैने जब से इस केस को लिए तब से अबतक मुझे 2 हजार से ज्यादा धमकी भरे खत आ चुके हैं, ये मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा केस था । 2013 के स्वतंत्रता दिवस की रात के दौरान एक नाबालिग लड़की पर यौन उत्पीड़न औऱ रेप मामले में आरोपी आश्रम को दोषी ठहराते हुए आश्रम बापू मामले में न्यायमूर्ति ने सलाखों के पीछे भेज दिया था ।

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